विवेकानंद माथने भूमि तो तबसे संकट में है, जबसे मनुष्य अपना नाम लिखकर उसका मालिक बन बैठा। उसने यह मानने से इंकार किया कि मनुष्य के नाते वह भी प्रकृति का हिस्सा है। मनुष्य ने अपनी दुनिया का एक... Read more
विवेकानंद माथने भूमि तो तबसे संकट में है, जबसे मनुष्य अपना नाम लिखकर उसका मालिक बन बैठा। उसने यह मानने से इंकार किया कि मनुष्य के नाते वह भी प्रकृति का हिस्सा है। मनुष्य ने अपनी दुनिया का एक... Read more
All rights reserved www.nainitalsamachar.org