चारू तिवारी म्येरि ईज इस्कूलाक द्विपुर म बनी ठुल खिड़की में भैबैर रेडू सुणते हुये हम नानतिना पर लै आंख लगै ररुनैर भइ। हम बग्वाईपोखर (अल्म्वड़) म अपाण इस्कूलोक ठुल दंगडि और बगीच म ‘लुक्की’ (छुप... Read more
मिथिलेश कुमार सिंह ‘खबर सिर्फ इतनी नहीं है कि 1948 में टिहरी गढ़वाल के काफलपानी गांव में वह पैदा हुआ था, पढ़ाई- लिखाई देहरादून में हुई, नौकरी उसने देश के मुख्तलिफ शहरों में की, वह कवि... Read more
चारु तिवारी बहुत विचलित करने वाली खबर आ रही है। हमारे अग्रज, प्रिय कवि, जनसरोकारों के लिये प्रतिबद्ध मंगलेश डबराल जी जिंदगी की जंग हार गये हैं। पिछले दिनों वे बीमार हुये तो लगातार हालत बिगड... Read more
देवेश जोशी मुरली दीवान। एक ऐसा नाम जो समकालीन गढ़वाली कवियों में किसी परिचय का मोहताज़ नहीं। एक ऐसा कवि जो कबीर की तरह व्यंग्य को हथियार बनाता है और उन्हीं की तरह ठेठ लोक समाज से शब्द, बिम्ब औ... Read more
मंगलेश डबराल 2017 में कवि, क्रांतिकारी, पादरी और मार्क्सवादी एर्नेस्तो कार्देनाल की कविताओं के अनुवाद के लिए एक आलेख लिखा था. आज उनके निधन पर एक स्मरण. रूबेन दारीओ, पाब्लो नेरूदा और सेसर वाय... Read more
जगमोहन रौतेला हिन्दी के प्रसिद्ध कथाकार डॉ. पानू खोलिया का कल 01 जनवरी 2020 को लम्बी बीमारी के बाद हल्द्वानी के मल्ली बमौरी स्थित आवास पर 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया । कल ही उनकी अन्त्य... Read more