बृजमोहन जोशी होली, ऋत परिवर्तन को अभिव्यक्त करने का उत्सव है। कुमाऊँ अंचल में पौष मास को, विशेष रूप से इसके प्रथम रविवार को बहुत ही पवि़त्र माना जाता हैं। लोक देवताओं की पूजा ‘बैसी’ के लिये... Read more
ज़हूर आलम फोटो : विनीता यशस्वी युगमंच होली महोत्सव : एव सार्थक पहल तमाम मंचो से पहाड़ के गीत-संगीत और लोक संस्कृति को बचाने के लिए बड़े-बड़े भाषण दिये जाते हैं। पर हमारी कलाओं को बचाने और कलाकार... Read more
डा0 शिवानन्द नौटियाल फोटो : विनीता यशस्वी बसन्त पंचमी शुरू होते ही बसंत नृत्य शुरू हो जाता है। प्रकृति-वर्णन के साथ श्रंगार रस का भी बसन्ती नृत्य में पर्याप्त समावेश होता है। बसंत पंचमी के द... Read more
विश्वम्भरनाथ साह ‘सखा’ कुमाऊँ में होली के दो प्रचलित स्वरूप है। एक ग्रामीण अंचल की होली, जिसे खड़ी होली कहते हैं। दूसरी, नागर होली, जिसे शहरी क्षेत्रों में बैठ होली कहते हैं। इसे 200-300 वर्ष... Read more
प्रमोद साह यूं तो होली समूचे भारत में धूमधाम से मनाया जाने वाला त्यौहार है . जो फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन रंगों के साथ परवान चढ़ता है और रंग खेलकर ,गले मिलकर लोग साल भर के गिले-शिकवे भू... Read more