विवेकानंद माथने शायद भारत अब किसानोंका देश नही कहलायेगा। यहां खेती तो की जायेगी लेकिन किसानों के द्वारा नही, खेती करनेवाले कार्पोरेट्स होंगे, कार्पोरेट किसान। पारिवारिक खेती की जगह कार्पोरेट... Read more
युवाल नोआ हरारी यह तूफ़ान भी गुज़र जाएगा. लेकिन आज का हमारा चुनाव आने वाले वर्षों में हमारे जीवन को बदल डालेगा. दुनिया भर के इंसानों के सामने एक बड़ा संकट है. हमारी पीढ़ी का शायद यह सबसे बड़ा... Read more