हरीश मानव
पंजाब में रिलायंस के 200 से अधिक स्टोर्स पर ताले, अडानी के साइलो (भंडारगृह) का घेराव”
केंद्र के कृषि कानूनों को काला बताने वाले किसानों ने पंजाब में अंबानी और अडानी की दिवाली काली कर दी है। पिछले 45 दिन से आंदाेलनरत पंजाब के किसानों के निशाने पर अंबानी और अडानी भी हैं। आंदाेलनरत किसानों ने पहले अंबानी की रिलायंस कंपनी के पेट्रोल पंपों को निशाना बनाते हुए धरनों में घेरा और अब रिलायंस के पंजाब में तमाम स्टोर्स का बहिष्कार किया है। रिलायंस स्टोर्स पर आपूर्ति करने वाले माल से लदे ट्रक किसानों द्वारा पकड़े जा रहे हैं। किसानों के रोष प्रदर्शन को देखते हुए मुकेश अंबानी की रिलायंस ने पंजाब में अपने रिलायंस फ्रेश,मेगा मार्ट,ट्रेंड,ज्वैलस और डिजिटल सेगमेंट के करीब 200 से अधिक स्टोर्स बंद कर दिए हैं। इधर मोगा स्थित गोतम अडानी ग्रुप के साइलो(भंडारगृह) को प्रदर्शनकारी किसानों ने घेर रखा है जिसके चलते इस साइलो से कंपनी की गेहूं की आवाजाही ठप है। कंपनी अपने फोच्यूर्न ब्रांड के आटे के लिए यहां करीब 20 लाख बोरी गेहूं का स्टॉक रखती है।
कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य(सवंर्धन और सरलीकरण)विधेयक,2020 को लेकर आंशकित किसान भयभीत हैं कि फसलों पर उन्हें उनके हक का न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी)नहीं मिलेगा और ठेका खेती से अंबानी और अडानी का कॉरपोरेट कल्चर, एग्रीकल्चर पर भी पूरी तरह से हावी हो जाएगा। किसानों के रोेष प्रदर्शन के चलते त्योहारी सीज़न में पंजाब में रिलायंस के तमाम स्टोर्स पर ताले जड़े हैं। नाम न छापने की शर्त पर मोहाली के सेक्टर 66 स्थित बैस्टैक शॉपिंग मॉल में रिलायंस मेगामार्ट में कार्यरत एक वरिष्ठ मार्केटिंग अधिकारी ने आउटलुक को बताया कि दिवाली के सीजन के लिए यहां के मेगामार्ट में ग्रोसरी,गारमेंटस,ज्वैलरी से लेकर इलेक्ट्राॅनिक्स का स्टॉक जुटाया गया था पर पिछले 11 दिन से स्टोर बंद है। 11 दिन पहले किसानों ने मॉल के बाहर लगाए तंबू पर िरलायंस के बहिष्कार के बैनर लगाए हैं। रिलायंस स्टोर्स के लिए आपूर्ति करने वाले सामान से भरे 9 ट्रक किसानों द्वारा अमृतसर में रोक लिए गए।
पंजाब आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष रविदंर सिंह चीमा ने कहा, “ पिछले 6 दशक मंे पंजाब में एपीएमसी एक्ट तहत नियंत्रित मंडियों, आढ़तियों और किसानों के पारिवारिक संबंधों को कृषि सुधारों के नाम पर खत्म करने का केंद्र सरकार का छुपा हुआ एजेंडा है जिसका मकसद अंबानी व अडानी जैसे बड़े कॉरपोरेट्स को सीधे कृषि कारोबार में उतारना है। इससे आढ़तियों व किसानों के बीच पिछले 6 दशक में एक दूजे के दुख-सुख में शामिल होने के जो संबंध स्थापित हुए थे वे खत्म हो जाएंगें।
भारतीय किसान यूनियन की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है कि कई बरसों के बाद सरकारी नीतियों के विरोध में किसानों का यह आंदोलन जल्द ही राष्ट्रव्यापी रुप लेगा।आज देशभर में किसानांे द्वारा चक्का जाम के आहवान के अगले चरण में देशभर के किसान 26 व 27 नवम्बर को दिल्ली का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि संषर्ष में किसानों के साथ के नाम पर केवल सियासत हो रही है जो किसानों को मंजूर नहीं हैं। कॉरपोरेटस के विरोध के नाम पर सियासी नेता कॉरपोरेट्स के साथ हैं। किसानाें के वोटों के दम पर सियासी सफर तय कर सत्ता के गलियारांे मेंं बैठे नेता सत्ता पाते ही किसानांे का साथ छोड़ कैसे छोड़ देते हैं हरियाणा में इसका उदाहरण उपमुख्यमंत्री,जजपा नेता दुष्यंत चौटाला हैं जिन्हाेंने अपने परदादा किसान नेता चौधरी देवी लाल के नाम पर वोट मांगे पर सत्ता हासिल होते ही किसानों का साथ छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र के तीनों कृषि बिलों से कॉरपोरेट्स के हाथों कृषि क्षेत्र को सौंपे जाने की तैयारी है।
आउटलुक से साभार