राजेन्द्र भट्ट लोकतान्त्रिक मूल्य संकट में हैं। भारत में 1975 में लगे आपातकाल के बाद पिछले कुछ वर्षों में ऐसी स्थिति आई है कि देश के प्रबुद्ध लोग सिहरकर आपातकाल को याद कर रहे हैं और... Read more
रमदा नवारुण से 2024 में प्रकाशित “हिमांक और क्वथनांक के बीच“ सतत-यात्री श्री शेखर पाठक का दूसरा यात्रा-वृतान्त है. 1973 में पिंडारी-गल की यात्रा के साथ शुरू हुआ उनकी यात्राओं का अनवरत सिलसिल... Read more
प्रोफेसर मृगेश पाण्डे ब्रह्माण्ड अनेक रहस्यों से भरा है. इनके बारे में जानने के लिए उत्सुकता लगातार बनी रही है. आदि काल से ही मानव ने आकाश में सूर्य, चंद्र व तारों को देखा. इनकी गतियों का न... Read more
चन्द्रशेखर तिवारी दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र, देहरादून की ओर से आज प्रातःकालीन सत्र में गोस्वामी तुलसीदास कृत विनय पत्रिका के कुमाउनी अनुवाद पुस्तक का लोकार्पण किया गया। इसका कुमाउनी अनुव... Read more
हेम पंत “किताब कौथिग“ का दसवां संस्करण टिहरी में 50 हजार से अधिक किताबों के साथ 20 और 21 जुलाई को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस बहुउद्देशीय कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न कोनों... Read more
तारा चन्द्र त्रिपाठी अपने को, अपने अध्यापकों को देखते.देखते अर्द्धशती बीत गयी। आज भी स्मृतियों में अनेक अध्यापक विराजमान हैं। जूनियर हाईस्कूल धनियाकोट के अध्यापक श्री नन्दकिशोर जी घुटने के क... Read more
ताराचंद्र त्रिपाठी इतिहास के बारे में जब भी हम बात करते हैं तो प्रायः हमारी दृष्टि किसी कालखंड और किसी क्षेत्र-विशेष तक ही सीमित होती है. हम यह भूल जाते हैं कि कोई भी इयत्ता केवल अपने आप... Read more
नवीन जोशी सितम्बर 2008 में शेखरदा (प्रोफेसर शेखर पाठक) ने प्रसिद्ध छायाकार एवं पर्वतारोही अनूप साह तथा संवेदनशील छायाकार प्रदीप पाण्डे के साथ उच्च हिमालय के एक दुर्गम मार्ग गंगोत्री-कालिंदीख... Read more
अरुण कुकसाल हिमालय और हिमालयी जनजीवन के एक अध्येता के रूप में चन्द्रशेखर तिवारी लोकप्रिय हैं। उत्तराखण्ड हिमालय के सामाजिक, सांस्कृतिक और यात्रा-लेखन पर उनका लेखन चर्चित रहा है। कुमाऊँ विश्व... Read more
अनिल जोशी अपनी वरिष्ठ सहयोगी रहीं प्रोफेसर दिवा भट्ट का नया उपन्यास ह्रदय को झकझोर गया। शहरीकरण के नित बढ़ते दबाव के बोझ में विलुप्त होते कभी सोना उगलने वाले खेतों की पृष्ठभूमि में रची यह कर... Read more