नैनीताल समाचार टीम
चुरू(राजस्थान)। किड जोन छापर में आयोजित बच्चों की कार्यशाला में आज बच्चों को किडजोन स्थित पुस्तकालय से एक-एक पुस्तक पढ़ने को दी गई। बच्चों को पूरी पुस्तक/पत्रिका की समीक्षा करने तथा पुस्तक से एक कहानी कविता या चित्र पर अपनी बात रखने को कहा गया। कुछ पुस्तकों में कठिन शब्द होने तथा आकर्षक चित्र होने की बात बच्चों ने बताई। छोटे जो बच्चे पढ़ नहीं सकते थे । उन्होंने चित्र देखकर अपनी प्रतिकिया दी। बच्चों ने अपनी मनपसंद कविता तथा कहानी भी पुस्तक से पढ़कर प्रस्तुत की। ज्ञातव्य है युग पुरुष आचार्य श्री महाश्रमण जी के चातुर्मास प्रवास स्थल छापर(राजस्थान) में अणुव्रत विश्व भारती व आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास व्यवस्था समिति ट्रस्ट की ओर से किडजोन की स्थापना की गई है। किडजोन में देश के विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालु परिवारों के बच्चों के साथ ही स्थानीय स्कूलों के बच्चे भी प्रतिदिन सहभागिता करते है। किडजोन में बच्चों को खेल गतिविधियों के साथ ही सामाजिक एवं मानवीय मूल्यों से जोड़ने का प्रयास प्रशिक्षकों द्वारा किया जाता है। आयोजक मंडल द्वारा समय-समय पर विशेषज्ञों को भी कार्यशाला में बुलाया जाता रहा है। उत्तराखंड से प्रकाशित बच्चों की पत्रिका बालप्रहरी के संपादक उदय किरौला 17 अक्टूबर से बच्चों को कहानी कविता लेखन व नुक्कड़ नाटक, पेपर मैसी के साथ ही बच्चों को कई खेल करा रहे हैं। किडजोन में बच्चे खेल-खेल में मस्ती कर रहे हैं।
कार्यशाला में 19 अक्टूबर को बच्चों ने नुक्कड़ नाटक ’मोबाइल टन टनाटन टन’ तैयार किया। नाटक के साथ ही बच्चों ने ’रास्ता है लंबा भाई’ तथा ’मैं तुमको विश्वास दूं’ समूह गीत तैयार किया। बालप्रहरी के संपादक उदय किरौला ने बच्चों को तोता कहता है, नेता जी की खोज, जैसा मैं करूं आदि खेल कराए। किडजोन के गोविंद सारस्वत, अंजलि सेन व पुष्पा प्रजापत ने ने भी बच्चों को कई गतिविधियां कराई।
प्रातः कालीन सत्र में बाल प्रहरी संपादक उदय किरौला ने मरूधर पब्लिक स्कूल छापर के बच्चों को ’आदमी की कहानी’ सुनाते हुए सूर्य ग्रहण, वैज्ञानिक सोच, नशे की प्रवृत्ति आदि विषयों पर बच्चों से संवाद किया। किडजोन के प्रभारी गोविंद सारस्वत ने किडजोन की ओर से सभी का स्वागत करते हुए चातुर्मास में किडजोन द्वारा बच्चों के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। विद्यालय के लगभग एक दर्जन से अधिक बच्चों ने त्वरित अपना भाषण प्रस्तुत किया। सभी बच्चों को पुरस्कार में बाल साहित्य उपहार में दिया गया। अंत में पुष्पा प्रजापत ने किडजोन की ओर से सभी का आभार व्यक्त किया।