अतुल सती
भाजपा नेताओं के फुल्ल कुसुमित प्रसन्न चेहरे नाथ जी के साथ इधर सोसियल मीडिया पर शोभनीय हो रहे हैं ।
हमारी जिज्ञासा यह भर है कि फोटो खींचने खिंचवाने के अतिरिक्त जोशीमठ में सेना सिविल सम्बन्धी बहुत सी समस्याएं वर्षों से लंबित हैं, विवाद का विषय हैं, उनको भी मंत्री जी के सम्मुख रखा अथवा नहीं ।
4 दिन पहले ही यहां फेसबुक पर जिक्र किया था कि जोशीमठ और इस क्षेत्र के बहुत से लोगों की भूमि का पैसा सेना द्वारा नहीं दिया गया है। जो किराया मिलता था वर्षों से बन्द है । इस पर बहुत ज्ञापन दिए हैं । जब स्वयं मंत्री यहां थे और सहजता से फोटो खिंचवाने दे रहे थे तो यह सवाल उनके सम्मुख आया या नहीं । यदि आया तो ठीक अन्यथा आपकी फोटो आपके बच्चों के काम तो आ सकती हैं जनता के किसी काम की नहीं ।
सेना से सम्बंधित अन्य प्रश्न औली से जुड़ा है । जहां सेना ने अनर्गल विस्तार कर न सिर्फ लोगों के परम्परागत रास्ते बाधित कर दिए हैं बल्कि समय समय पर अन्य दिक्कतें पैदा की जा रही हैं। सेना का औली में होने का ही कोई औचित्य नहीं है । इतनी सुंदर बुग्याल को रौंदने का क्या अर्थ है । ऊपर से उनकी गंदगी हमारे जल स्रोतों को प्रदूषित कर रही है सो अलग । इसलिए हमने मांग की थी कि धीरे धीरे सेना को अब जोशीमठ से आगे सीमा की तरफ खाली विस्तृत मैदानों की तरफ शिफ्ट करने की जरूरत है । अब तो वहां सर्दी भी उस तरह न रही । वैसे भी आबादी के बीच सेना का होना उनके लिए और सिविल आबादी के लिए भी उचित नहीं है । यह समय समय पर सिर्फ टकराव का कारण बनता है । भविष्य की दृष्टि से भी सेना के विस्तार योजनाओं हेतु भी जोशीमठ उपयुक्त नहीं है । यहां वैसे ही आबादी का बहुत दबाव है जो नगर के अस्तित्व के लिए ही खतरा बन गया है । सेना यहां अपना कार्यालयी मुख्यालय तक सीमित रहे शेष बैरक इत्यादि आगे ले जाई जाए ।
क्या यह प्रश्न राजनाथ जी के सामने उठाया या नहीं ?
जोशीमठ के भू स्खलन का सवाल केंद्रीय मंत्री के सम्मुख रखा या नहीं ? क्योंकि इस पर हमने दो दिन पूर्व ही प्रधानमंत्री जी को ज्ञापन दिया है । जोशीमठ के ठीक नीचे जड़ पर जो खुदाई हो रही है, जो जोशीमठ के लिए खतरनाक साबित होगा, वह सेना के लिए ही बाईपास बनाने की बात है । जबकि अब जोशीमठ के लिए चौड़ी सड़क हेलंग जोशीमठ बन ही गयी है । तब इस बाईपास की कोई जरूरत नहीं है । जैसा कि पूर्व में रक्षा मंत्रालय का तर्क था कि, हमें अपनी तोप और मिसाईल के लिए चौड़ी सड़क चाहिए । यही हेलंग जोशीमठ सड़क नीति सीमा से भी स्वतः जुड़ जाएगी । इसलिये अब बाईपास की कोई जरूरत नहीं रही है । यह जोशीमठ नगर को ही खतरे में डालने के अतिरिक्त किसी काम का नहीं है ।
तो यह बहुत ही गम्भीर विषय था इस क्षेत्र के अस्तित्व के नजरिये से । क्या फोटो वालों ने यह प्रश्न रखा मंत्री जी के समक्ष ? यदि नहीं तो फोटो का हम क्या करें ?
हमसे कहते तो लिख कर भी हम दे ही देते । आप मात्र रख भर देते मंत्री जी के आगे । कहते तो हम रख भी देते ही । आपकी ही सरकार के मंत्रियों से हम ही तो मिलकर पहले सड़क भी स्वीकृत करवाए हेलंग जोशीमठ वाली .. गडकरी जी से !! खैर उम्मीद कम है मगर अगर सवाल उठाए,क्षेत्र की समस्या, जनता की दिक्कतें, रखे तो अपनी फोटो पर हमारा लाईक आया मानिये .. वरना ..!