‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ से जुड़ी मेधा पाटकर ने उत्तराखंड में बनने वाले पंचेश्वर बांध के बारे में भी खुल के बात की। उन्होंने कहा ‘हम लोग नर्मदा को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं और पहाड़ के लोगों को महाकाली को बचाने के लिये लड़ना होगा।’ उन्होंने कहा ‘यह बहुत दुःख का विषय है कि जब अमेरिका, यूरोप जैसे देश बड़े बांधों को हटा रहे हैं ऐसे में भारत पंचेश्वर बांध जैसे बड़े बांधों को बना रहा है।
हल्द्वानी में 27-28 दिसम्बर को आयोजित दो दिवसीय ‘उत्तराखंड महिला सम्मेलन’ में चर्चित आंदोलनकारी मेधा पाटकर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुई। मेधा ने अपने संबोधन में कहा कि – ‘पहाड़ की महिलायें हमेशा से ही पहाड़ के बोझ को अपने कंधे में ढोती आ रही हैं।’ उन्होंने कहा ‘महिला शक्ति पूरे देश में ही बिखराव के दौर पर है जिसे पुरुष सत्ता से आजाद होकर एकजुट होना पड़ेगा। उत्तराखंड की महिलाओं को पूरे देश की महिला शक्ति को मजबूत बनाने के लिये आगे आना ही होगा।’
‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ से जुड़ी मेधा पाटकर ने उत्तराखंड में बनने वाले पंचेश्वर बांध के बारे में भी खुल के बात की। उन्होंने कहा ‘हम लोग नर्मदा को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं और पहाड़ के लोगों को महाकाली को बचाने के लिये लड़ना होगा।’ उन्होंने कहा ‘यह बहुत दुःख का विषय है कि जब अमेरिका, यूरोप जैसे देश बड़े बांधों को हटा रहे हैं ऐसे में भारत पंचेश्वर बांध जैसे बड़े बांधों को बना रहा है।
इसी सत्र में राधा बहन ने भी अपने विचार रखते हुए कहा की ‘जिन जंगलों को उत्तराखंड के लोगों द्वारा चिपको आंदोलन या दूसरे आंदोलनों द्वारा बचाया गया है उन्हों आज ‘आॅल वैदर रोड’ के नाम पर तबाह किया जा रहा है। सिर्फ उत्तरकाशी से गंगोत्री के बीच में ही 7000 से ज्यादा पेड़ काटे जायेंगे और यह सब पूरे प्रदेश में किया जा रहा है। हम लोगों को इसके खिलाफ आवाज उठानी ही होगी।’
कविता श्रीवास्तव, रिचा सिंह, कल्याणी मेनन, देवकी कुंजवाल, कबूतरी देवी सहित कई और हस्तियों ने भी इस महिला सम्मेलन में भागीदारी की।
पूरे दिन अलग-अलग सत्रों में विभिन्न विषयों पर सार्थक चर्चायें की गयी। जिनमें ‘जल जंगल जमीन’, ‘शिक्षा एवं स्वास्थ्य’, ‘शराब’, ‘खेती और महिलायें’, ‘राजनीति और महिलायें’ तथा ‘महिला शोषण’ आदि गंभीर विषयों पर सार्थक चर्चायें की गयी।
यह दो दिवसीय सम्मेलन उत्तराखंड के विभिन्न महिला संगठनों द्वारा आयोजित किया गया था। जिसमें 350 से भी ज्यादा महिला कार्यकर्ताओं ने प्रतिभाग किया।