म्यांमार में रॉयटर्स के इन दोनों पत्रकारों को दिसंबर, 2017 में रोहिंग्या हिंसा से जुड़े गुप्त दस्तावेज हासिल करने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया था
म्यांमार ने रोहिंग्या जनसंहार की रिपोर्टिंग करने वाले रॉयटर्स के दोनों पत्रकारों को रिहा कर दिया है. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी ने दोनों की रिहाई के बाद की तस्वीरें जारी की हैं. यू वा लोन (33) और यू क्याव सोए ऊ (29) को दिसंबर, 2017 में गिरफ्तार किया गया था. इन दोनों पत्रकारों पर आरोप था कि इन्होंने म्यांमार के आधिकारिक गुप्त कानून का उल्लंघन करते हुए एक पुलिस अधिकारी से दस रोहिंग्या ग्रामीणों की हत्या से जुड़े दस्तावेज हासिल किए थे.
इससे पहले अप्रैल में पत्रकारों को अदालत ने बड़ा झटका देते हुए उनकी रिहाई से जुड़ी अंतिम याचिका भी खारिज कर दी थी. तब उनके वकील ने कहा था कि उनकी रिहाई तभी हो सकती है अगर म्यांमार के राष्ट्रपति इस संबंध में कोई कदम उठाएं. पीटीआई की खबर के मुताबिक म्यामांर के राष्ट्रपति की माफी के बाद ही रॉयटर्स के पत्रकारों को रिहा किया गया है.
गौरतलब है कि इन पत्रकारों की गिरफ्तारी के बाद से म्यांमार की नेता आंग सान सू की लगातार अंतरराष्ट्रीय पत्रकार समुदाय की आलोचना झेल रही थीं. बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय पत्रकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता और नेता पत्रकारों की रिहाई की मांग कर रहे थे. इस बीच जेल में रहते हुए दोनों को उनकी रिपोर्टिंग के लिए पुलित्जर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया. वहीं, सू की को लोकतंत्र और सहिष्णुता का प्रतीका बताने वाले पश्चिमी देशों के व्यवहार में भी बदलाव देखने को मिला.
हिन्दी वैब पत्रिका ‘सत्याग्रह’ से साभार