डॉ चन्द्र शेखर जोशी पर्वतीय उत्तराखंड यानि उत्तराखंड राज्य का ८६ प्रतिशत भू भाग,राज्य की ४०-४५ प्रतिशत आबादी,१३ में से १० ज़िले मतलब यह वह क्षेत्र है जिसकी समस्याएँ नया राज्य बनने के बावजूद... Read more
देवेश जोशी शेरदा अनपढ़। उत्तराखण्ड के एक ऐसे कवि जिसे काव्यकर्म के लिए किसी पढ़ाई-लिखाई की जरूरत न थी। फिर भी समाज और परिवेश को पढ़ने में वो नम्बर वन थे। लोग उनकी पढ़ाई-लिखाई पर सवाल उठाएँ इस... Read more
अमरीक सुमित्रानंदन पंत छायावाद के चार प्रमुख हस्ताक्षरों में से सिरमौर थे। सौंदर्य के अप्रीतम कवि। प्रकृति उनके विशाल शब्द-संसार की आत्मा है। पंत जी का जन्म 20 मई, 1900 में अल्मोड़ा के कौसान... Read more
प्रमोद साह मजदूरों के बहाने व्यवस्था पलायन : यह भारत की पहली आपदा नहीं है । विभाजन की आपदा से जिस आधुनिक भारत की शुरूआत हुई हो, उस अनिश्चितता के दौर में जब 20% आबादी यानी 7 करोड़ लोग अपने घ... Read more
चारु तिवारी उम्र का बड़ा फासला होने के बावजूद वे हमेशा अपने साथी जैसे लगते थे। उन्होंने कभी इस फासले का अहसास ही नहीं होने दिया। पहाड़ के कई कोनों में हम साथ रहे। एक बार हम उत्तरकाशी साथ गय... Read more
प्रमोद साह आज ही के दिन 9 मई 1980 को अल्मोड़ा जनपद के ऊपरी सल्ट क्षेत्र में , दूल्हे श्याम प्रसाद को मंदिर से कोई 1 किलोमीटर पहले पालकी से उतारने की जिद से जो महिलाएं चींखी, चिल्लाई वह हमार... Read more
प्रमोद साह कहते हैं कि समस्याएं समाधान लेकर आती हैं और समस्या संकट के साथ आती है तो वह नए रास्ते भी बनाती है . कोरोना काल उत्तराखंड कृषि के विकास और पुनर्विचार को अवसर प्रदान कर रहा है ।... Read more
चन्द्रशेखर तिवारी कुमाऊं अंचल के प्रवेश द्वार हल्द्वानी शहर से सटा हुआ गौलापार क्षेत्र खेती, बागवानी और पशुपालन की दृष्टि से बहुत समृद्ध माना जाता है। प्रशासनिक इकाई की दृष्टि से गौलापार क्ष... Read more
स्कन्द शुक्ला कोविड-19 पैडेमिक की अन्तिम नियति किस तरह होगी ? तीन रास्ते हैं : पहला असम्भव जान पड़ता हुआ , दूसरा जोखिम-भरा और तीसरा बहुत लम्बा। चाहे जितने प्रतिक्रियात्मक प्रयास कर लिये जाएँ... Read more
सी एम पपनैं बिल्लेख (रानीखेत)। उत्तराखंड के पर्वतीय अंचल मे बागवानी उद्यम विकास मे आधुनिक तकनीक के बल अब्बल प्रजाति के सेव उत्पादन के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर चुके अल्मोड़ा जनपद ताड़ीख... Read more