2 Comments

  1. 1

    Bhupen Singh

    Uttarakhand ki sabhi universities Ka yahi hal hai. Civil society ko Apne institutions se kuchh Lena dena Nahi Rah Gaya hai. Kya Kiya ja Sakta hai?

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  2. 2

    DK Bhatt

    प्रो0 बी के जोशी, प्रो0 भटनागर, प्रो0 नौडियाल इत्यादि असंदिग्ध योग्यता के धनी थे किंतु जिन कारणों से उन्हें अपने कार्यकाल पूर्ण किये बिना विश्वविद्यालय से जाने को विवश होना पड़ा और उनके इस प्रकार बहिर्गमन से समाज के शैक्षणिक हितों को जो हानि पहुंची, क्या कभी उनकी गहन पड़ताल हो पाई है? जनता के बलिदान से जनता के लिए बने इस उच्च शिक्षण संस्थान के बिन मांगे ही दो हिस्से कर दिए गए हैं, क्या इस पर और इसके तात्कालिक एवं दूरगामी परिणामों कोई मंथन, कोई विश्लेषण, कोई पड़ताल देखने सुनने को मिली है? वर्तमान कुलपति पर योग्यता विषयक विभिन्न आरोपों के प्रकाशन में यदि कहीं आपके इस लेख में उक्त कुलपति का पक्ष जानने का प्रयास भी दृष्टिगोचर होता तो यह इस प्रख्यात समाचार पत्र की साख के अनुकूल संतुलित एवम न्यायसंगत प्रतीत होता।

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