वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दस सरकारी बैंकों का विलय करके चार बैंक बनाने की घोषणा की है. वित्त मंत्री ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विलय के बाद सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह जाएगी. उन्होंने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ़ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का विलय होगा. इस विलय के बाद 17.95 लाख करोड़ के बिजनेस के साथ यह देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा और उसकी 11,437 शाखाएं होंगी.
साथ ही केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का विलय होगा. 15.20 लाख करोड़ के बिजनेस के साथ विलय के बाद यह देश का चौथा सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक होगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय होगा. विलय के बाद यह बैंक शाखाओं के मामले में देश का पांचवां सबसे बड़ा बैंक होगा. बनने वाले बैंक का कुल कारोबार 14.6 लाख करोड़ रुपए का होगा और इसका देशभर में चौथा सबसे बड़ा ब्रांच नेटवर्क होगा, देशभर में इस बैंक की कुल 9609 शाखाएं होंगी.
इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का विलय होगा. 8.08 लाख करोड़ के बिजनेस के साथ विलय के बाद यह 7वां सबसे बड़ा बैंक होगा.विलय के बाद बनने वाले बैंक की देशभर में कुल 6104 शाखाएं होंगी और कर्मचारियों की संख्या 42814 होगी.
इसके साथ ही वित्त मंत्री ने बैंकों के लिए 55,250 करोड़ के बेलआउट पैकेज की घोषणा भी की.
पंजाब नेशनल बैंक को 16,000 करोड़ रुपये, यूनियन बैंक को 11,700 करोड़ रुपये, केनरा बैंक को 6,500 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक को 3,800 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया को 3,300 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ़ बड़ौदा को 7,000 करोड़ रुपये, इंडियन बैंक को 2,500 करोड़ रुपये और यूको बैंक को 2,100 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.
इन बैंकों के विलय की तारीख़ का एलान बाद में किया जाएगा. बैंकों के इस महाविलय का उन ग्राहकों पर बड़ा असर पड़ेगा, जिनका इन बैंकों में बचत खाता या फिक्स्ड डिपॉजिट है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को तेज गति देने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है. उनका कहा है कि सरकारी बैंकों में बड़े सुधार की जरुरत है. बैंकों ने अब कदम उठाने शुरू कर दिए है. 8 बड़े बैंकों ने अपनी ब्याज दरों रेपो रेट से जोड़ा है.
वित्त मंत्री ने कहा कि 18 पब्लिक सेक्टर बैंकों में से 14 प्रॉफिट में हैं. उन्होंने कहा कि बैंकों को चीफ रिस्क ऑफिसर की नियुक्ति करनी होगा, उनका पास बैंकों को निर्णय की समीक्षा की शक्ति होगी.
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर कन्फेडरेशन ने बैंकों के विलय की आलोचना की है.
AIBOC opposes and strongly condemns the mega merger decision of the govt of 10 Public Sector Banks, which is nothing but reverse nationalisation defeating the interest of common man.@FinMinIndia @RBI @PMOIndia