उमेश भट्ट
जीवन में कुछ कर गुजरने का जज्बा ही आदमी को आम से खास बना देता है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हाल ही में आयोजित 9वीं राष्ट्रीय केनो सलालम चैंपियनशिप में नैनीताल की नयना अधिकारी ने रजत और कांस्य पदक जीतकर अपने प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
7 से 9 जनवरी के मध्य आयोजित इस प्रतियोगिता में देश के विभिन्न प्रांतों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। उत्तराखंड की ओर से नयना अधिकारी ने इसमें प्रतिभाग करते हुए रजत व कांस्य पदक जीतकर अपना व प्रदेश का नाम रोशन किया है। नयना इसे पूर्व भी कई अन्य प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन कर चुकी है। व्हाइट वाटर कयाकिंग में पहली युवा महिला कयाकर का सम्मान उनके नाम है। नयना ने देश की विभिन्न नदियों में आयोजित जल क्रीड़ा प्रतियोगिताओं में कयाकिंग की है। ऋषिकेश में आयोजित गंगा वाटर फेस्टिवल 2019 में उन्हें “बेस्ट इंडियन फीमेल पैडलर” का पुरुस्कार प्रदान किया गया। कयाकिंग के क्षेत्र में उनके बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए “उत्तराखंड यूथ कांफ्रेंस 2019” में प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सम्मानित किया।
नयना ने 15 साल की उम्र से ही कयाकिंग शुरू कर दी थी, शुरुआती दिनों का यह शौक धीरे-धीरे जुनून में बदल गय। इस खेल में उसके चाचा भुवन अधिकारी, जो की स्वयं भी अच्छे कयाकर रहे है तथा इस समय स्विट्जरलैंड में पेशेवर कयाकर हैं, का मार्गदर्शन मिलता रहा है, भुवन की प्रेरणा से ही नयना ने कयाकिंग की राह चुनी। ओलंपिक उसका सपना है और इसके लिए वह कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। उसकी इस सफलता में परिवार की भूमिका बेहद सराहनीय रही है। जोखिम भरे खेल में परिवार नयना को साहस प्रदान करने का काम करता है। उनके पिता की सामाजिक कार्यों में भागीदारी रहती है जबकि मां सरकारी स्कूल में अध्यापिका हैं। नयना ने प्रारंभिक शिक्षा नैनीताल से ग्रहण की। इंटरमीडिएट सेंट मैरी कॉन्वेंट से करने के पश्चात वह “डाइट” देहरादून से बी. ए. ऑनर्स (अंग्रेजी) से कर रही है। नयना ने अभी तक की ये सभी उपलब्धियां अपने व्यक्तिगत संसाधनों से अर्जित की हैं। यदि सरकार नयना की इस प्रतिभा को सहयोग करे तो वह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी देश और प्रदेश का नाम रोशन करेगी ऐसी उम्मीद करनी चाहिए।